आरबीआई के नए गर्वनर नियुक्त किए गए शक्तिकांत दास की नियुक्ति पर बीजेपी के ही सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि शक्तिकांत दास अपने पद का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वामी ने शक्तिकांत दास के पुराने कारनामे को लेकर कहा कि वो पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को बचाने की कोशिश कर चुके हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पीएम मोदी को खत भी लिखा है।
शक्तिकांत दास की नियुक्ति पर उठाए सवाल
1980 बैच के तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास को पीएम मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली का विश्वासपात्र माना जाता है। वित्त आयोग के सदस्य रह चुके दास नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के दौरान ना सिर्फ अहम जिम्मेदारी निभाई थी बल्कि नोटबंदी के दौरान उठने वाले हर सवाल का जवाब देकर पीएम मोदी का निजी तौर पर बेहतर बचाव किया था। सोशल मीडिया में कुछ लोग इसे मोदी की तरफ से इनाम बता रहे हैं।
मोदी-जेटली के विश्वासपात्र दास !
इससे पहले सोमवार यानी 10 दिसंबर को उर्जित पटेल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था । माना जा रहा है कि पिछले कुछ समय से मोदी सरकार से उनकी ठीक नहीं चल रही थी। उनका इस्तीफा भी टकराव का ही नतीजा माना जा रहा है। दूसरी तरफ शक्तिकांत दास की पहचान एक ऐसे नौकरशाह के तौर पर है जिन्होंने केंद्र में तीन अलग-अलग वित्त मंत्रियों के साथ सहजता के साथ काम किया है। हालांकि उर्जित पटेल को भी मोदी सरकार ने नियुक्त किया था मगर अपने कार्यकाल से 9 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया। अब शक्तिकांत दास पर पूरे देश की निगाहे है, क्योंकि आरबीआई की स्वायत्तता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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